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#JAUNISM - Tasneef Haider

#JAUNISM - Arranged By - 'Baaz' Powered by 'Inkmythoughts' 

Date - 7th of April, 2018 

By - Tasneef Haider
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#JAUNISM - Tasneef Haider

#JAUNISM - Arranged By - 'Baaz' Powered by 'Inkmythoughts' 
Date - 7th of April, 2018 
By - Tasneef Haider
Author
inkmythoughts
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#JAUNISM - Ankit Gautam

#JAUNISM - Arranged By - 'Baaz' Powered by 'Inkmythoughts' 

Date - 7th of April, 2018

By - Ankit Gautam
  • 0

#JAUNISM - Ankit Gautam

#JAUNISM - Arranged By - 'Baaz' Powered by 'Inkmythoughts' 
Date - 7th of April, 2018
By - Ankit Gautam
Author
inkmythoughts
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Sight Enhancer

Us ki nazro'n say jab mili'n nazren

Meray chashmay ka ght gya number

Ahmad Tariq

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Sight Enhancer

Us ki nazro'n say jab mili'n nazren Meray chashmay ka ght gya number Ahmad Tariq
Author
Ahmed Tariq
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Tanha?

की मैं तनहा हूँ 

ज़माने का ये 

किस्सा पुराना है 

उन्हें कोई बताये 

की तेरे ख्यालों की 

महफ़िल में रोज़ 

मेरा आना जाना है 

 

-नेहा श. झा 

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Tanha?

की मैं तनहा हूँ  ज़माने का ये  किस्सा पुराना है  उन्हें कोई बताये  की तेरे ख्यालों की  महफ़िल में रोज़  मेरा आना जाना है    -नेहा श. झा 
Author
Neha S Jha
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Jo ishq mil gaya hota

जो तेरे इश्क़ का जुन्नून न सर चढ़ा होता 

तो मैं दो कदम भी ज़िन्दगी में न चला होता 

रुक गया होता आसान सी किसी मंज़िल पर 

अगर तेरा इश्क़ मुझको आसानी से मिल गया होता

 

नेहा श. झा  

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Jo ishq mil gaya hota

जो तेरे इश्क़ का जुन्नून न सर चढ़ा होता  तो मैं दो कदम भी ज़िन्दगी में न चला होता  रुक गया होता आसान सी किसी मंज़िल पर  अगर तेरा इश्क़ मुझको आसानी से मिल गया होता   नेहा श. झा  
Author
Neha S Jha
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Tu kaun ?

तू कौन? 

तेरा नाम क्या?

तेरा ज़िक्र क्यों?

तेरा ख्याल क्या?

किस बात पे इतना गुरुर है?

तेरी शक्शियत सिर्फ खुद में है!

तेरा जीना भी है इंतेक़ाल सा 

फिर पूछे की क्यों न मैं मिला!

बेवजह के सवाल जवाब क्या!

 

- नेहा श.  झा  

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Tu kaun ?

तू कौन?  तेरा नाम क्या? तेरा ज़िक्र क्यों? तेरा ख्याल क्या? किस बात पे इतना गुरुर है? तेरी शक्शियत सिर्फ खुद में है! तेरा जीना भी है इंतेक़ाल सा  फिर पूछे की क्यों न मैं मिला! बेवजह के सवाल जवाब क्या!   - नेहा श.  झा  
Author
Neha S Jha
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याद

तुम तो यार हो चलो यारी की बात करते हैं 

तुम्हारी बात करना ज़िक्र ए यार है

चलो थोडा और करते हैं

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याद

तुम तो यार हो चलो यारी की बात करते हैं  तुम्हारी बात करना ज़िक्र ए यार है चलो थोडा और करते हैं
Author
Jayant OM
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पता दिल का !

खोया रहता है दिल न
जाने किसके खयाल में,
ढूंढा जब इसको तो
उलझा मिला इक बबाल में

तेरे गाल के काले तिल में
या फिर
तिल वाले गोरे गाल में

झील सी नीली आँखों में
या फिर
लम्बे महरूम बाल में

चूड़ियों की खनक में
या फिर
पायल की झंकार में

होंठों की मुस्कान में
या फिर
उंगली में फसे रुमाल में

 

खोया रहता है दिल न
जाने किसके खयाल में...

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पता दिल का !

खोया रहता है दिल न
जाने किसके खयाल में,
ढूंढा जब इसको तो
उलझा मिला इक बबाल में तेरे गाल के काले तिल में
या फिर
तिल वाले गोरे गाल में झील सी नीली आँखों में
या फिर
लम्बे महरूम बाल में चूड़ियों की खनक में
या फिर
पायल की झंकार में होंठों की मुस्कान में
या फिर
उंगली में फसे रुमाल में   खोया रहता है दिल न
जाने किसके खयाल में...
Author
Abhay Parashari
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मासूम प्रद्युमन

हैवानियत पहने नक़ाब, फिर रही हर ओर है,

वो खामोश हो के चल बसा,मैय्यत का उसकी शोर है।

कैसे चलाई होगी उसपे, चाकू की तीखी धार,

कैसे सहता वो, उस बेरहमी की वहशियत का वार।

 क्या चुपके से पी जायेंगे हम, इस अपराध के बोध को,

 कर देंगे दफन उसके साथ, अंदर ही अपने क्रोध को?

 ये जुर्म अमानवीयता की, चरम सीमा का आभास है,

 सृष्टि अब मिट जाए या और अभी बर्दाश्त है?

 

#rip Pradyuman

#he probably moved to a better world devoid of likes of his killer.

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मासूम प्रद्युमन

हैवानियत पहने नक़ाब, फिर रही हर ओर है, वो खामोश हो के चल बसा,मैय्यत का उसकी शोर है। कैसे चलाई होगी उसपे, चाकू की तीखी धार, कैसे सहता वो, उस बेरहमी की वहशियत का वार।  क्या चुपके से पी जायेंगे हम, इस अपराध के बोध को,  कर देंगे दफन उसके साथ, अंदर ही अपने क्रोध को?  ये जुर्म अमानवीयता की, चरम सीमा का आभास है,  सृष्टि अब मिट जाए या और अभी बर्दाश्त है?   #rip Pradyuman #he probably moved to a better world devoid of likes of his killer.
Author
Stuti Shah
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Life

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Life

Author
Nawal Goyal
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